Motivational Stories in Hindi for Students: Hello friends, how are you? Today I am sharing the 6 best motivational stories in Hindi for student success. These motivational Hindi stories are precious and give a lot of motivation for success in life.
आज के इस आर्टिकल मे मै आप के साथ 6 best motivational story in hindi for students success share कर रहा हूँ। ये हिंदी प्रेरणादायक कहानियाँ छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी होगी। ये सभी कहानियों के अंत मे नैतिक शिक्षा दी गयी हैं। जो छात्रों को लोगों और दुनिया को समझने मे बहुत मदद करेगी।
आईये इन Motivational Stories in Hindi for Studetns को पढ़ते हैं।
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6 Best Motivational Story In Hindi For Students Success
ज्ञान की 4 बातें - Motivational Stories in Hindi for Students
1st Motivational Story in Hindi for Success of Students
एक बार की बात है। एक राजा साहब के पास एक बहुत बड़ा सुंदर और विशालकाय महल था। उस विशालकाय महल में एक सुंदर सा बगीचा था और सुंदर बगीचे में अंगूर का एक पेड़ था। पेड़ पौधों की देखभाल के लिए एक माली भी बगीचे में रहता था।
माली इस बात से बहुत परेशान था की अंगूर के पेड़ पर रोजाना एक चिड़िया आती थी और अंगूरों पर इस तरह से आक्रमण करती थी कि जो मीठे-मीठे अंगूर थे, उसे तो वह खा लेती थी। लेकिन जो आधे पके और खट्टे अंगूर थे उसे वह जमीन पर गिरा देती थी।
माली को यह चिंता होने लगी कि अंगूर के पेड़ को यह चिड़िया एक दिन तबाह और बर्बाद कर देगी। उसने अंगूरों को उस चिड़िया से बचाने के लिए बहुत प्रयास कि लेकिन कोई उपाय न सूझा। माली आखिरकार राजा के पास पहुंचा और उसने पूरी घटना बताई।
राजा ने कहा - "माली साहब, आप टेंशन ना लें, आपका काम मैं खुद करूँगा"।
राजा साहब बगीचे में पहुंचे और अंगूर के पेड़ के पीछे छुप गए। जैसे ही चिड़िया आई, राजा ने फुर्ती दिखाते हुए चिड़िया को पकड़ लिया। जैसे ही राजा ने चिड़िया को पकड़ा, चिड़िया ने राजा से कहा -
" हे राजन मुझे माफ कर दो। मुझे मत मारो, मैं आपको ज्ञान की 4 बातें बताऊंगा"।
राजा बहुत गुस्से में थे, बोले- पहली बात बता।
चिड़िया ने कहा - "अपने हाथ में आए शत्रु को कभी जाने ना दे"।
राजा ने कहा - दूसरी बात बता।
चिड़िया ने कहा - "कभी भी असंभव बात पर यकीन न करें" ।
राजा ने कहा - बहुत हो गया चल तीसरी बात बता।
चिड़िया ने कहा - "बीती बातों पर पश्चाताप ना करें"।
राजा ने कहा - अब चौथी बात बता खेल खत्म करता हूं। बहुत देर से परेशान कर रहा है।
चिड़िया ने कहा - राजा साहब आप मुझे जिस तरीके से पकड़े हुए हैं, मुझे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। अगर आप थोड़ा सा छोड़ देंगे तो शायद मैं चौथी बात बता पाउ। राजा ने हल्की सी ढील दी और चिड़िया उड़ कर डाल पर बैठ गई।
चिड़िया ने कहा - राजा साहब मेरे पेट में 2 हिरे है।
अब राजा पश्चाताप करने लगे, उदास हो गए। राजा की शक्ल देखकर चिड़िया ने कहा राजा साहब अभी मैंने आपको 4 ज्ञान की बातें बताई थी। अपने शत्रु को कभी हाथ में आने के बाद छोड़े ना। आप ने हाथ में आए शत्रु को छोड़ दिया।
दूसरी बात बताई थी - असंभव बात पर यकीन ना करें। आपने यकीन कर लिया की मेरे छोटे से पेट में दो हीरे हैं।
तीसरी बात बताई थी कि बीती हुई बात पर पश्चाताप ना करें आप उदास हैं, पश्चाताप कर रहे हैं जबकि मेरे पेट में हीरे है ही नहीं । जो चीज है ही नहीं उसको लेकर आप उदास हैं।
उस चिड़िया ने चार बातें सिर्फ राजा को ही नहीं बल्कि हम सब को भी बताइ। हम सब भी बीते हुए बातों पर कई बार पश्चाताप करने लगते हैं! Past में रहते हैं और future की सोचते भी नहीं है।Present मे रहना शुरू कीजिए। जिंदगी में जो कुछ हो चुका है उस पर आपका कंट्रोल नहीं है लेकिन जो होगा उसे आप बदल सकते हैं!
कुछ तो कर यूं ही मत मर - Best Motivational Stories in Hindi
2nd Motivational Story In Hindi For Students
एक बार एक राज्य में बड़ी खुशहाली थी। जनता बड़ी खुश थी क्योंकि राजा बड़ा दयालु था और हर किसी की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता था। युद्ध में आये शत्रुओं को हमेशा हरा देता था
पड़ोसी राज्य के राजा इनकी खुशहाली से जलते थे। वह इस राज्य पर आक्रमण करना चाहते थे। लेकिन यह राजा बार-बार उन्हें युद्ध में हरा देता था। उनकी दाल गल नहीं पा रही थी।
एक बार पड़ोसी राज्य के राजाओं ने इस राजा को अगवा करके अपने राज्य में लाकर मार देने की योजना बनाई।
तैयारियाँ शुरु हुई। इस राजा के कुछ पहरा दारो से साठगांठ की गई। कई बार घर में ही दुश्मन पल रहे होते हैं। पहरा दारो ने एक रात राजा के रात के खाने में बेहोश करने की दवा मिला दी।
राजा को बेहोश किया गया और अगवा करके दूसरे राज्य के जंगल में ले जाया गया। जंगल में पहाड़ी पर एक गुफा के पास राजा को पटक दिया गया।
सारे पड़ोसी राज्य के राजा इकट्ठा हो कर विचार करने लगे की क्या किया जाए। सब इस निष्कर्ष पर पहुंचे की इसने हमको कई बार युद्ध मे हराया है। इसको इस गुफा में डाल कर दरवाजे को एक पत्थर से बंद कर दिया जाए। यह स्वंय ही घुट-घुट कर मर जाएगा ।
आदेशानुसार सैनिकों ने राजा को गुफा में रख कर दरवाजे को एक बड़े पत्थर से बंद कर दिया। पड़ोसी राजा इस बात से खुश थे की राजा गुफा मे मर जाएगा और इसी खुशी में अपने अपने राज्य में वापस चले गए।
गुफा मे राजा को जब होश आया तो सुबह हो चुकी थी। अंदर धूप की कुछ किरने आ रही थी। आंख खुली तो अपने आप को एक गुफा में बंद पाया। बाहर दरवाजे पर एक पत्थर रखा हुआ था।
राजा को बाहर निकलने का कोई उपाय सूझ नही रहा था। राजा को लगा कि इसका सब कुछ खत्म हो चुका है। इसकी जनता इससे छीन चुकी है. यह कहां पर है इसे खुद मालूम नहीं था।
अब राजा का हौसला टूटने लगा था। राजा उदास होकर बैठा था तभी अचानक इसकी मां का बचपन मे दिया हुआ मंत्र याद आया “कुछ तो कर यूं ही मत मर” ।
जैसे ही राजा को अपनी की दी हुई मंत्र याद आई - राजा उठ खड़ा हुआ और हिम्मत करके उस पत्थर के पास जा ही रहा था कि उसे एक सांप ने डस लिया।
राजा एक बार फिर से नीचे गिर गया। फिर से हौसला टुटने लगा। लेकिन माँ का दिया हुआ मंत्र “कुछ तो कर यूं ही मत मर” ने उसका हौसला फिर सी बढ़ाया और इस बार उसने अपनी कमर से कटार निकाली और पैर के उस हिस्से को काट करके फेंक दिया जहां सांप ने डसा हुआ था।
एक मुसीबत खत्म हुई की दूसरी मुसीबत आ गई। वहां से खून बहने लगा। राजा को कुछ समझ में नहीं आ रहा था। तभी मंत्र याद आया "कुछ तो कर यूं ही मत मर"। राजा की कमर में कपड़ा बंधा हुआ था कपड़े को पैर के उस हिस्से में बांध लिया जहां से खून निकल रहा था।
एक बार फिर से राजा उठ खड़ा हुआ। वह बात याद आई जो मां ने कही थी “कुछ तो कर यूं ही मत मर”। राजा हिम्मत करके उस पत्थर के पास गया और सारा जोर लगा कर पत्थर को धक्का दिया।
पहाड़ी पर गुफा थी। पत्थर थोड़ा सा खिसका और लुढ़क कर पहाड़ से नीचे गिर गया। कुल मिलाकर दरवाजा खुल गया और राजा अपने राज्य वापस आ गया।
“कुछ तो कर यूं ही मत मर ” बस इस एक मंत्र ने एक राजा को मौत के मुह से निकाल कर दोबारा गद्दी पर बैठाया। छोटी सी कहानी जिंदगी में बहुत बड़ी बात सिखाती है - जिंदगी में अगर आपको Motivation चाहिए तो Self Motivation लाइए। कोई और आप को Motivate नहीं कर सकता आप खुद अपने आप को Motivate कर सकते हैं।
बुढ़ी अम्मा - Motivational Stories In Hindi for Success
3rd Motivational Story for Success in Hindi
एक समय की बात है राजू नाम का एक लड़का अपने शहर से दूर किसी दूसरे शहर में नौकरी करता था। लेकिन वह जब भी अपने होम टाउन (Home town) आता था तो वह अपने दोस्तों से मिलना नहीं भूलता था। दोस्तों की रीयूनियन होती थी और रीयूनियन के लिए सभी दोस्त जिस जगह मिलते थे वह था- शहर का famous लस्सी वाला।
गर्मियों की छुट्टी मे राजू अपने घर आया हुआ था। उसने अपने दोस्तों को फोन कॉल किया और लस्सी वाले के दुकान पर आने के लिए बोला। राजू और उसके दोस्त लस्सी वाले के दुकान पर पहुँच गये। लस्सी के लिए ऑर्डर किया।
गर्मियो के दिन थे, ऊपर कनात लगी हुई थी। सभी बैठ कर लस्सी की प्रतीक्षा कर रहे थे। हंसी मज़ाक चल रही थी। तभी एक बूढ़ी अम्मा राजू के सामने आकर खड़ी हो गई। 75 से 80 साल उनकी उम्र रही होगी। हाथ मे लाठी थी, आँखे धसी हुई थी, जुबान लडखडा रही थी, कमर झुकी हुई थी, चेहरे पर भूख दिख रही थी। उस बूढ़ी मां ने बस इतनी सी बोली - बेटा उपर वाले के नाम पर कुछ दे दे। राजू के सामने उसने हाथ फैला दी। राजू से रहा नही गया । वैसे राजू भिखारियों को भीख नहीं देता था। लेकिन पता नहीं उस दिन क्या हुआ। अपने आप उसका हाथ वैलेट की तरफ चला गया और सिक्के ढूंढने लगा।
अचानक राजु के पास दूसरा आइडिया आया। उसने अपना वैलेट अपने जेब में रख लिया। आप सोच रहे होंगे कि शायद उसने पैसा नहीं दिया।
लेकिन उसने कहा - दादी जी क्या आप लस्सी पिएंगे।जैसे ही उसने दादी जी कहा। उस बुढी अम्मा के चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान आ गई। राजु के दोस्त पीछे से देखने लगे कि यार यह क्या कर रहा है। मतलब 5, 7 रुपये देकर बात खत्म हो जाएगी , 30 रुपये की लस्सी पिला रहा है। दोस्तों को ऐसा लग रहा था कि शायद राजु गरीब हो जाएगा। वह बुढी अम्मा ठग कर करके चली जाएगी।
राजु ने फिर से पूछा कि दादी जी क्या आप लस्सी पिएँगी। दादी जी ना नुकुर करते हुए धीरे से हां भर दी, और उनकी हां को देखकर राजु को लगा कि यह बहुत दिनों से भूखी है। उसने ने जोर से आवाज लगाई कि भैया एक लस्सी और लाना।
दादी जी दूर जाकर के खड़ी हो गई। फिर से वापस लड़के के पास आई और अपनी पोटली से कुछ सिक्के और पैसे निकाली और बोली - यह 5, 7 रुपया मेरे पास हैं जो आप पेमेंट करोगे उसमें यह पैसा मिला लेना।
लड़के के चेहरे पर सारे भाव उड़ गए, उसकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने पैसे देने की बात कर दी। लड़के ने कहा - माताजी, माफ कीजिए, आप जाकर के बैठिए, अभी लस्सी आ रही है।
लस्सी वाला लड़का आकर सबको ग्लास दे दी। उनको भी ग्लास दे दिया। अब वह अम्मा दूर जाकर के नीचे जमीन पर बैठ गई। सभी दोस्त कुर्सियों पर बैठे हुए थे। अब वह कुर्सी लड़के को काटने लगी कि मैं यहां बैठा हूं, वह नीचे बैठी हुई है।
लड़के को मन ही मन ऐसा कर रहा था कि उनको बुलाऊँ। अपने पास बगल के कुर्सी पर बैठा दुँ। लेकिन फिर लग रहा था कि लोग सोचेंगे अजीब आदमी हैं, भीख मांगने वाली महिला को यहां बिठा रहा है।
अचानक राजु को दूसरा ख्याल आया। वह अपनी कुर्सी से उठा और उनके पास जाकर के नीचे जमीन पर बैठ गया। दोस्त देख रहे थे कि क्या हरकत कर रहा है? तभी वह लस्सी वाला ने दूर से आवाज लगाई- भैया इधर आइए , दो कुर्सी आपके लिए भिजवा रहा हूं। नौकर दो कुर्सी लेकर आया। दादी जी और उस लड़के को बिठाया।
उसके बाद में वह लस्सी वाला बोला- सर जी धन्यवाद मत कहिए गा। क्योंकि मेरे दुकान में तो ग्राहक हमेशा आते है, लेकिन इंसान कभी-कभार आते है। आज आपने यहां आ करके और यह सब करके मेरी आंखें खोल दी, मुझे बहुत बड़ी बात सिखा दी। अब से मै कोशिश करूंगा कि मेरी दुकान के आसपास अगर कोई ऐसा दिखे तो मैं उसे फ्री में लस्सी पिलाउंगा।
यह छोटी सी कहानी हमें बहुत बड़ी बात सिखाती है - मदद करते चलिए मुस्कान बांटते चलिए। अगर आपको ऊपर वाले ने इस काबिल बनाया है की आप किसी की मदद कर सके, तो मदद करने से पीछे मत हटिये। कई लोग कहते हैं कि भिखारियों को भीख नहीं देनी चाहिए। आप पैसा मत दीजिए लेकिन अगर कोई गरीब आदमी दिख रहा है तो उसे राजु की तरह भोजन जरूर कराइए।
भैंस की मौत - Motivational Stories in Hindi for Student
4th Motivational Story In Hindi For Students
एक दार्शनिक अपने एक शिष्य के साथ कहीं से गुजर रहे थे। बहुत दूर चलने के बाद वे एक खेत के पास पहुंचे। खेत अच्छी जगह स्थित थी लेकिन उसकी हालत देखकर लगता था, मानो उसका मालिक उस पर जरा भी ध्यान नहीं देता है।
खैर, दार्शनिक और शिष्य दोनों को बहुत प्यास लगी थी। तभी उनको खेत के बीचो-बीच बना हुआ एक टूटा- फूटा घर दिखाई दिया। दोनो उस घर के सामने पहुंचे और दरवाज़ा खटखटाया।
अन्दर से एक आदमी निकला। उसके साथ उसकी पत्नी और तीन बच्चे भी थे। सभी फटे-पुराने कपड़े पहने हुए थे।
दार्शनिक ने उस आदमी से बोला, “श्रीमान, क्या हमें पानी मिल सकता है? बहुत तेज प्यास लगी है!”
“ज़रूर!”, आदमी उन्हें पानी का जग थमाते हुए बोला।
“मैं देख रहा हूँ कि आपका खेत इनता बड़ा है, पर इसमें कोई फसल नही बोई गयी है, और ना ही यहाँ फलों के कोई पेड़ दिखायी दे रहे हैं। तो आखिर आप लोगों का गुजारा कैसे चलता है?”, दार्शनिक ने प्रश्न किया।
“जी, हमारे पास एक भैंस है, वो काफी दूध देती है। उसे पास के गाँव में बेच कर कुछ पैसे मिल जाते हैं और बचे हुए दूध का सेवन कर के हमारे परिवार गुजारा चल जाता है।”, आदमी ने समझाया।
दार्शनिक और शिष्य आगे बढ़ने को तैयार हुए। तभी आदमी बोला, “शाम काफी हो गयी है, आप लोग चाहें तो आज रात यहीं रुक जाएं!”
दार्शनिक और शिष्य दोनों रुकने को तैयार हो गए।
आधी रात के करीब जब सभी गहरी नींद में सो रहे थे तभी दार्शनिक ने शिष्य को उठाया और बोला, “चलो हमें अभी यहाँ से चलना है, और चलने से पहले हम उस आदमी की भैंस को चट्टान से गिराकर मार डालेंगे।”
शिष्य को अपने गुरु की बात पर यकीन नहीं हो रहा था, पर वो उनकी बात काट भी नहीं सकता था।
दोनों उठे और भैंस को मार कर रातों-रात गायब हो गए!
यह घटना शिष्य के जेहन में बैठ गयी और करीब 10 साल बाद जब वो एक successful businessman (सफल व्यवसायी) बन गया, तब उसने सोचा, क्यों न अपनी गलती का पश्चाताप करने के लिए एक बार फिर उसी आदमी से मिला जाए और उसकी आर्थिक मदद की जाए।
अपनी चमचमाती कार से वह उस खेत के सामने पहुंचा।
शिष्य को अपनी आँखों पे यकीन नहीं हो रहा था। वह उजाड़ खेत अब फलों के बागीचे में बदल चुका था। टूटे-फूटे घर की जगह एक शानदार बंगला खड़ा था और जहाँ अकेली भैंस बंधी रहती थी वहां अच्छी नस्ल की कई गाएं और भैंस अपना चारा चर रही थीं।
शिष्य ने सोचा कि शायद भैंस के मरने के बाद वो परिवार सब बेच-बाच कर कहीं चला गया होगा। और वह वापस लौटने के लिए अपनी कार स्टार्ट करने लगा कि तभी उसे वो दस साल पहले वाला आदमी दिखा।
“शायद आप मुझे पहचान नहीं पाए, सालों पहले मैं आपसे मिला था।”, शिष्य उस आदमी की तरफ बढ़ते हुए बोला।
इसके जवाब मे वह आदमी बोला “नहीं-नहीं, ऐसा नहीं है, मुझे अच्छी तरह याद है, आप और आपके गुरु यहाँ आये थे। कैसे भूल सकता हूँ उस दिन को; उस दिन ने तो मेरा जीवन ही बदल कर रख दिया।
आप लोग तो बिना बताये चले गए, पर उसी दिन ना जाने कैसे हमारी भैंस भी चट्टान से गिरकर मर गयी। कुछ दिन तो समझ ही नहीं आया कि क्या करें। लेकिन जीने के लिए कुछ तो करना था। इसलिए लकड़ियाँ काट कर बेचने लगा।
उससे कुछ पैसे हुए तो खेत में बोवाई कर दी। सौभाग्य से फसल अच्छी निकल गयी। बेचने पर जो पैसे मिले उससे फलों के बागीचे लगवा दिए और यह काम अच्छा चल पड़ा और इस समय मैं आस-पास के सेकडों गाँव में सबसे बड़ा फल व्यापारी हूँ। सचमुच, ये सब कुछ ना होता, अगर उस भैंस की मौत ना हुई होती !
“लेकिन यही काम आप पहले भी कर सकते थे?”, शिष्य ने आश्चर्य से पूछा।
आदमी बोला, “ बिलकुल कर सकता था! पर तब ज़िन्दगी बिना उतनी मेहनत के आराम से चल रही थी, कभी लगा ही नहीं कि मेरे अन्दर इतना कुछ करने की क्षमता है। इसलिए कभी कोशिश ही नहीं की। पर जब भैंस मर गयी तब हाथ-पाँव मारने पड़े और मुझ जैसा गरीब-बेहाल इंसान भी इस मुकाम तक पहुँच पाया।”
आज शिष्य अपने गुरु के उस निर्देश का असली मतलब समझ चुका था और बिना किसी पश्चाताप के वापस लौट पा रहा था।
दोस्तों 6 Best Motivational Stories for Students in Hindi के list की 4th कहानी पढ़ कर आप को कैसी लगी। अब इस Hindi Story का नैतिक पढ़ते हैं।
Moral:
Friends, कई बार हम परिस्थितियों के इतने आदि हो जाते हैं कि बस उसी में जीना सीख लेते हैं, फिर चाहे वो परिस्थितियां बुरी ही क्यों न हों!
हम अपनी जॉब से नफरत करते हैं पर फिर भी उसे पकड़े-पकड़े ज़िन्दगी बिता देते हैं, तो कई बार हम बस इसलिए नये business के बारे में नहीं सोचते क्योंकि हमारा मौजूदा बिजनेस दाल-रोटी भर का खर्चा निकाल देता है! पर ऐसा करने से हम कभी भी अपने full potential को realize नहीं कर पाते हैं। और बहुत सी ऐसी चीजें करने से चूक जाते हैं जिन्हें करने की हमारे अन्दर क्षमता है और जो हमारी life को कहीं बेहतर बना सकती हैं।
सोचिये, कहीं आपकी ज़िन्दगी में भी तो कोई ऐसी भैंस नहीं जो आपको एक बेहतर ज़िन्दगी जीने से रोक रही है।
कहीं ऐसा तो नहीं कि आपको लग रहा है कि आपने उस भैंस को बाँध कर रखा है जबकि असलियत में उस भैंस ने आपको बाँध रखा है! अगर आपको लगे कि ऐसा है, तो आगे बढिए…हिम्मत करिए, अपनी रस्सी को काटिए; आजाद होइए। आपके पास खोने के लिए बहुत थोड़ा है पर पाने के लिए पूरी दुनिया है! जाइए उसे पाकर दिखाइए!
दोस्तों अभी तक आप Top 6 Motivational Stories for Success in Hindi की 4 कहानियाँ पढ़ चुके हैं। और उम्मीद करते हैं की आगे की नैतिक कहानियाँ भी जरूर पढ़ेंगे। आईये पढ़ते हैं 5th Hindi Motivational Story.
किसान की घड़ी - Best Hindi Motivational Stories for Students
5th Motivational Story for Students in Hindi
एक बार एक किसान की घड़ी कहीं खो गयी. वैसे तो घडी कीमती नहीं थी पर किसान उससे भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ था और किसी भी तरह उसे वापस पाना चाहता था.
उसने खुद भी घडी खोजने का बहुत प्रयास किया, कभी कमरे में खोजता तो कभी बाड़े तो कभी अनाज के ढेर में ….पर तामाम कोशिशों के बाद भी घड़ी नहीं मिली. उसने निश्चय किया की वो इस काम में बच्चों की मदद लेगा और उसने आवाज लगाई , ” सुनो बच्चों , तुममे से जो कोई भी मेरी खोई घडी खोज देगा उसे मैं १०० रुपये इनाम में दूंगा.
फिर क्या था , सभी बच्चे जोर-शोर दे इस काम में लगा गए…वे हर जगह की ख़ाक छानने लगे , ऊपर-नीचे , बाहर, आँगन में ..हर जगह…पर घंटो बीत जाने पर भी घडी नहीं मिली.
अब लगभग सभी बच्चे हार मान चुके थे और किसान को भी यही लगा की घड़ी नहीं मिलेगी, तभी एक लड़का उसके पास आया और बोला , ” काका मुझे एक मौका और दीजिये, पर इस बार मैं ये काम अकेले ही करना चाहूँगा.”
किसान का क्या जा रहा था, उसे तो घडी चाहिए थी, उसने तुरंत हाँ कर दी.
लड़का एक-एक कर के घर के कमरों में जाने लगा…और जब वह किसान के शयन कक्ष से निकला तो घड़ी उसके हाथ में थी
किसान घड़ी देख प्रसन्न हो गया और अचरज से पूछा , "बेटा, कहाँ थी ये घड़ी , और जहाँ हम सभी असफल हो गए तुमने इसे कैसे ढूंढ निकाला ?"
लड़का बोला, "काका मैंने कुछ नहीं किया बस मैं कमरे में गया और चुप-चाप बैठ गया, और घड़ी की आवाज़ पर ध्यान केन्द्रित करने लगा , कमरे में शांति होने के कारण मुझे घड़ी की टिक-टिक सुनाई दे गयी , जिससे मैंने उसकी दिशा का अंदाजा लगा लिया और आलमारी के पीछे गिरी ये घड़ी खोज निकाली."
Moral:
Friends, जिस तरह कमरे की शांति घड़ी ढूढने में मददगार साबित हुई उसी प्रकार मन की शांति हमें life की ज़रूरी चीजें समझने में मददगार होती है . हर दिन हमें अपने लिए थोडा वक़्त निकालना चाहिए , जसमे हम बिलकुल अकेले हों , जिसमे हम शांति से बैठ कर खुद से बात कर सकें और अपने भीतर की आवाज़ को सुन सकें , तभी हम life को और अच्छे ढंग से जी पायेंगे
दोस्तों अभी तक आप Top 6 Motivational Stories in Hindi for Students की 5 कहानियाँ पढ़ चुके हैं। और उम्मीद करते हैं की आगे की नैतिक कहानियाँ भी जरूर पढ़ेंगे। आईये पढ़ते हैं 6th Motivational Story in Hindi.
समस्या का दूसरा पहलू - Best Motivational Story in Hindi for Students
पिताजी कोई किताब पढने में व्यस्त थे, पर उनका बेटा बार-बार आता और उल्टे-सीधे सवाल पूछ कर उन्हें डिस्टर्ब कर देता .
पिता के समझाने और डांटने का भी उस पर कोई असर नहीं पड़ता.
तब उन्होंने सोचा कि अगर बच्चे को किसी और काम में उलझा दिया जाए तो बात बन सकती है. उन्होंने पास ही पड़ी एक पुरानी किताब उठाई और उसके पन्ने पलटने लगे. तभी उन्हें विश्व मानचित्र छपा दिखा , उन्होंने तेजी से वो पेज फाड़ा और बच्चे को बुलाया – ” देखो ये वर्ल्ड मैप है, अब मैं इसे कई पार्ट्स में कट कर देता हूँ , तुम्हे इन टुकड़ों को फिर से जोड़ कर वर्ल्ड मैप तैयार करना होगा.”
और ऐसा कहते हुए उन्होंने ये काम बेटे को दे दिया.
बेटा तुरंत मैप बनाने में लग गया और पिता यह सोच कर खुश होने लगे की अब वो आराम से दो-तीन घंटे किताब पढ़ सकेंगे .
लेकिन ये क्या, अभी पांच मिनट ही बीते थे कि बेटा दौड़ता हुआ आया और बोला , "ये देखिये पिताजी मैंने मैप तैयार कर लिया है ."
पिता ने आश्चर्य से देखा , मैप बिलकुल सही था, – "तुमने इतनी जल्दी मैप कैसे जोड़ दिया , ये तो बहुत मुश्किल काम था ?"
"कहाँ पापा, ये तो बिलकुल आसान था , आपने जो पेज दिया था उसके पिछले हिस्से में एक कार्टून बना था , मैंने बस वो कार्टून कम्प्लीट कर दिया और मैप अपने आप ही तैयार हो गया.", और ऐसा कहते हुए वो बाहर खेलने के लिए भाग गया और पिताजी सोचते रह गए .
Moral:
Friends , कई बार life की problems भी ऐसी ही होती हैं, सामने से देखने पर वो बड़ी भारी-भरकम लगती हैं , मानो उनसे पार पान असंभव ही हो, लेकिन जब हम उनका दूसरा पहलु देखते हैं तो वही problems आसान बन जाती हैं, इसलिए जब कभी आपके सामने कोई समस्या आये तो उसे सिर्फ एक नजरिये से देखने की बजाये अलग-अलग दृष्टिकोण से देखिये, क्या पता वो बिलकुल आसान बन जाएं !
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दोस्तों यह थी 6 best Motivational Story in hindi for students. ये सभी कहानियाँ नैतिक है। और इन कहानियों से students को बहुत मदद मिलेगी।
आप को ये best hindi motivational story for students success कैसी लगी हमे comment मे जरूर बताएं। अगर आप को ये कहानियाँ अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर share करें।
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Thank You
Amazing post. Thanks for sharing.
ReplyDeletehttps://www.drilers.com/
bhut achi story bna te he
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